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134
स्तुति करने का आह्वान
यात्रा का गीत
1 हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो,
तुम जो रात-रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो[a],
यहोवा को धन्य कहो। (प्रका. 19:5)
2 अपने हाथ पवित्रस्थान में उठाकर,
यहोवा को धन्य कहो।
3 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है,
वह सिय्योन से तुझे आशीष देवे।

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