8 हे मेरी बैरिन, मुझ पर आनन्द मत कर; क्योंकि ज्यों ही मैं गिरूँगा त्यों ही उठूँगा; और ज्यों ही मैं अंधकार में पड़ूँगा त्यों ही यहोवा मेरे लिये ज्योति का काम देगा। 9 मैंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, इस कारण मैं उस समय तक उसके क्रोध को सहता रहूँगा जब तक कि वह मेरा मुकद्दमा लड़कर मेरा न्याय न चुकाएगा। उस समय वह मुझे उजियाले में निकाल ले आएगा, और मैं उसकी धार्मिकता देखूँगा। 10 तब मेरी बैरिन जो मुझसे यह कहती है कि तेरा परमेश्वर यहोवा कहाँ रहा, वह भी उसे देखेगी और लज्जा से मुँह ढाँपेगी। मैं अपनी आँखों से उसे देखूँगा; तब वह सड़कों की कीच के समान लताड़ी जाएगी।
11 तेरे बाड़ों के बाँधने के दिन उसकी सीमा बढ़ाई जाएगी। 12 उस दिन अश्शूर से, और मिस्र के नगरों से और मिस्र और महानद के बीच के, और समुद्र-समुद्र और पहाड़-पहाड़ के बीच के देशों से लोग तेरे पास आएँगे। 13 तो भी यह देश अपने रहनेवालों के कामों के कारण उजाड़ ही रहेगा।
14 तू लाठी लिये हुए अपनी प्रजा की चरवाही कर*तू लाठी लिये हुए अपनी प्रजा की चरवाही कर: अब भविष्यद्वक्ता एक हार्दिक प्रार्थना के साथ समापन करता है जिसका उसे संक्षिप्त उत्तर मिलता है कि परमेश्वर अपने सामर्थ्य को नए सिरे से प्रगट करेगा जैसा उस समय प्रगट किया था जब उसने उन्हें अपनी प्रजा बनाया था। , अर्थात् अपने निज भाग की भेड़-बकरियों की, जो कर्मेल के वन में अलग बैठती हैं; वे पूर्वकाल के समान बाशान और गिलाद में चरा करें।
15 जैसे कि मिस्र देश से तेरे निकल आने के दिनों में, वैसी ही अब मैं उसको अद्भुत काम दिखाऊँगा। 16 अन्यजातियाँ देखकर अपने सारे पराक्रम के विषय में लजाएँगी; वे अपने मुँह को हाथ से छिपाएँगी, और उनके कान बहरे हो जाएँगे। 17 वे सर्प के समान मिट्टी चाटेंगी†वे सर्प के समान मिट्टी चाटेंगी: मिट्टी चाटना मनुष्य की दीन-हीन दशा को व्यक्त करता है जो स्वयं को भूमि पर गिरा देते है।, और भूमि पर रेंगनेवाले जन्तुओं की भाँति अपने बिलों में से काँपती हुई निकलेंगी; वे हमारे परमेश्वर यहोवा के पास थरथराती हुई आएँगी, और वे तुझ से डरेंगी।
18 तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहाँ है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढाँप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करुणा से प्रीति रखता है। 19 वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा। तू उनके सब पापों को गहरे समुद्र में डाल देगा। 20 तू याकूब के विषय में वह सच्चाई, और अब्राहम के विषय में वह करुणा पूरी करेगा, जिसकी शपथ तू प्राचीनकाल के दिनों से लेकर अब तक हमारे पितरों से खाता आया है। (लूका 1:54,55, रोम. 15:8,9)
<- मीका 6- a तू लाठी लिये हुए अपनी प्रजा की चरवाही कर: अब भविष्यद्वक्ता एक हार्दिक प्रार्थना के साथ समापन करता है जिसका उसे संक्षिप्त उत्तर मिलता है कि परमेश्वर अपने सामर्थ्य को नए सिरे से प्रगट करेगा जैसा उस समय प्रगट किया था जब उसने उन्हें अपनी प्रजा बनाया था।
- b वे सर्प के समान मिट्टी चाटेंगी: मिट्टी चाटना मनुष्य की दीन-हीन दशा को व्यक्त करता है जो स्वयं को भूमि पर गिरा देते है।