2 यूहन्ना ने बन्दीगृह में मसीह के कामों का समाचार सुनकर अपने चेलों को उससे यह पूछने भेजा, 3 “क्या आनेवाला तू ही है, या हम दूसरे की प्रतीक्षा करें?” 4 यीशु ने उत्तर दिया, “जो कुछ तुम सुनते हो और देखते हो, वह सब जाकर यूहन्ना से कह दो। 5 कि अंधे देखते हैं और लँगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, मुर्दे जिलाए जाते हैं, और गरीबों को सुसमाचार सुनाया जाता है। 6 और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।”
11 “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उनमें से यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा हैवह उससे बड़ा*वह उससे बड़ा: स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा इस जगत के सबसे बड़े की तुलना में उससे बड़ा है (मत्ती 18:4) है। 12 यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के दिनों से अब तक स्वर्ग के राज्य में बलपूर्वक प्रवेश होता रहा है, और बलवान उसे छीन लेते हैं। 13 यूहन्ना तक सारे भविष्यद्वक्ता और व्यवस्था भविष्यद्वाणी करते रहे। 14 और चाहो तो मानो,एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है।†एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है: भविष्यद्वक्ता मलाकी ने (मला 4:5-6) भविष्यद्वाणी की थी कि मसीह के आने से पहले मार्ग तैयार करने के लिए “एलिय्याह” भेजा जाएगा।(मला. 4:5) 15 जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।
16 “मैं इस समय के लोगों की उपमा किस से दूँ? वे उन बालकों के समान हैं, जो बाजारों में बैठे हुए एक दूसरे से पुकारकर कहते हैं, 17 कि हमने तुम्हारे लिये बाँसुरी बजाई, और तुम न नाचे; हमने विलाप किया, और तुम ने छाती नहीं पीटी। 18 क्योंकि यूहन्ना न खाता आया और न ही पीता, और वे कहते हैं कि उसमें दुष्टात्मा है। 19 मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया, और वे कहते हैं कि देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, चुंगी लेनेवालों और पापियों का मित्र! पर ज्ञान अपने कामों में सच्चा ठहराया गया है।”
27 “मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।
28 “हे सबपरिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे§परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे: जीवन की चिंताओं, पापों या धार्मिक संस्कारों की अनिवार्यता के कारण थके-हारे हुए।लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। 29 मेरा जूआ*जूआ: उचित रेखा में हल चलाने के लिए बैलों की गर्दन पर रखा जानेवाला लकड़ी का साधन (गिनती 19:2; व्यवस्था 21:3) अपने ऊपर उठा लो; और मुझसे सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। 30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हलका है।”
<- मत्ती 10मत्ती 12 ->- a वह उससे बड़ा: स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा इस जगत के सबसे बड़े की तुलना में उससे बड़ा है (मत्ती 18:4)
- b एलिय्याह जो आनेवाला था, वह यही है: भविष्यद्वक्ता मलाकी ने (मला 4:5-6) भविष्यद्वाणी की थी कि मसीह के आने से पहले मार्ग तैयार करने के लिए “एलिय्याह” भेजा जाएगा।
- c खुराजीन: यह शहर तीन प्रमुख शहरों में से एक के रूप में याद किया जाता है जिसमें यीशु ने अपनी सेवकाई का अधिक समय बिताया था।
- d परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे: जीवन की चिंताओं, पापों या धार्मिक संस्कारों की अनिवार्यता के कारण थके-हारे हुए।
- e जूआ: उचित रेखा में हल चलाने के लिए बैलों की गर्दन पर रखा जानेवाला लकड़ी का साधन (गिनती 19:2; व्यवस्था 21:3)