8 इसलिए हारून ने वेदी के समीप जाकर अपने पापबलि के बछड़े को बलिदान किया। 9 और हारून के पुत्र लहू को उसके पास ले गए, तब उसने अपनी उँगली को लहू में डुबाकर वेदी के सींगों पर लहू को लगाया, और शेष लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दिया; 10 और पापबलि में की चर्बी और गुर्दों और कलेजे पर की झिल्ली को उसने वेदी पर जलाया, जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 11 और माँस और खाल को उसने छावनी से बाहर आग में जलाया।
12 तब होमबलि पशु को बलिदान किया; और हारून के पुत्रों ने लहू को उसके हाथ में दिया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर छिड़क दिया। 13 तब उन्होंने होमबलि पशु को टुकड़े-टुकड़े करके सिर सहित उसके हाथ में दे दिया और उसने उनको वेदी पर जला दिया। 14 और उसने अंतड़ियों और पाँवों को धोकर वेदी पर होमबलि के ऊपर जलाया।
15 तब उसने लोगों के चढ़ावे को*लोगों के चढ़ावे को: प्रधान पुरोहित द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावों की इस प्रथम शृंखला में चढ़ावे अपने नियुक्त क्रम में आते हैं। प्रथम पापबलि प्रायश्चित हेतु, होमबलि- यहोवा के अधीन देह-प्राण और आत्मा का समर्पण और अन्त में मेलबलि न्यायोचित एवं पवित्र किए गए लोगों के लिये कृपा पूर्ण सहभागिता को दर्शाने के लिये। आगे लेकर और उस पापबलि के बकरे को जो उनके लिये था लेकर उसका बलिदान किया, और पहले के समान उसे भी पापबलि करके चढ़ाया। 16 और उसने होमबलि को भी समीप ले जाकर विधि के अनुसार चढ़ाया। 17 और अन्नबलि को भी समीप ले जाकर उसमें से मुट्ठी भर वेदी पर जलाया, यह भोर के होमबलि के अलावा चढ़ाया गया।
18 बैल और मेढ़ा, अर्थात् जो मेलबलि पशु जनता के लिये थे वे भी बलि किए गए; और हारून के पुत्रों ने लहू को उसके हाथ में दिया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर छिड़क दिया; 19 और उन्होंने बैल की चर्बी को, और मेढ़े में से मोटी पूँछ को, और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं उसको, और गुर्दों सहित कलेजे पर की झिल्ली को भी उसके हाथ में दिया; 20 और उन्होंने चर्बी को छातियों पर रखा; और उसने वह चर्बी वेदी पर जलाई, 21 परन्तु छातियों और दाहिनी जाँघ को हारून ने मूसा की आज्ञा के अनुसार हिलाने की भेंट के लिये यहोवा के सामने हिलाया।
22 तब हारून ने लोगों की ओर हाथ बढ़ाकर उन्हें आशीर्वाद दिया; और पापबलि, होमबलि, और मेलबलियों को चढ़ाकर वह नीचे उतर आया। 23 तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू में गए, और निकलकर लोगों को आशीर्वाद दिया†लोगों को आशीर्वाद दिया: विधान के मध्यस्थ एवं प्रधान पुरोहित का संयोजित आशीर्वाद पवित्रीकरण और आरंभ का विधिवत् निष्पादन था। ; तब यहोवा का तेज सारी जनता को दिखाई दिया। 24 और यहोवा के सामने से आग निकली चर्बी सहित होमबलि को वेदी पर भस्म कर दिया; इसे देखकर जनता ने जय जयकार का नारा लगाया, और अपने-अपने मुँह के बल गिरकर दण्डवत् किया।
<- लैव्यव्यवस्था 8लैव्यव्यवस्था 10 ->- a लोगों के चढ़ावे को: प्रधान पुरोहित द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावों की इस प्रथम शृंखला में चढ़ावे अपने नियुक्त क्रम में आते हैं। प्रथम पापबलि प्रायश्चित हेतु, होमबलि- यहोवा के अधीन देह-प्राण और आत्मा का समर्पण और अन्त में मेलबलि न्यायोचित एवं पवित्र किए गए लोगों के लिये कृपा पूर्ण सहभागिता को दर्शाने के लिये।
- b लोगों को आशीर्वाद दिया: विधान के मध्यस्थ एवं प्रधान पुरोहित का संयोजित आशीर्वाद पवित्रीकरण और आरंभ का विधिवत् निष्पादन था।