8 तब वे पुरुष उठकर चल दिए; और जो उस देश का हाल लिखने को चले उन्हें यहोशू ने यह आज्ञा दी, “जाकर देश में घूमो फिरो, और उसका हाल लिखकर मेरे पास लौट आओ; और मैं यहाँ शीलो में यहोवा के सामने तुम्हारे लिये चिट्ठी डालूँगा।” 9 तब वे पुरुष चल दिए, और उस देश में घूमें, और उसके नगरों के सात भाग करके उनका हाल पुस्तक में लिखकर शीलो की छावनी में यहोशू के पास आए। 10 तब यहोशू ने शीलो में यहोवा के सामने उनके लिये चिट्ठियाँ डालीं; और वहीं यहोशू ने इस्राएलियों को उनके भागों के अनुसार देश बाँट दिया।
11 बिन्यामीनियों के गोत्र की चिट्ठी उनके कुलों के अनुसार निकली, और उनका भाग यहूदियों और यूसुफियों के बीच में पड़ा। 12 और उनकी उत्तरी सीमा यरदन से आरम्भ हुई, और यरीहो की उत्तरी ओर से चढ़ते हुए पश्चिम की ओर पहाड़ी देश में होकर बेतावेन के जंगल में निकली; 13 वहाँ से वह लूज को पहुँची (जो बेतेल भी कहलाता है), और लूज की दक्षिणी ओर से होते हुए निचले बेथोरोन के दक्षिणी ओर के पहाड़ के पास हो अत्रोतदार को उतर गई। 14 फिर पश्चिमी सीमा मुड़कर बेथोरोन के सामने और उसकी दक्षिण ओर के पहाड़ से होते हुए किर्यतबाल नामक यहूदियों के एक नगर पर निकली (जो किर्यत्यारीम भी कहलाता है); पश्चिम की सीमा यही ठहरी। 15 फिर दक्षिण की ओर की सीमा पश्चिम से आरम्भ होकर किर्यत्यारीम के सिरे से निकलकर नेप्तोह के सोते पर पहुँची; 16 और उस पहाड़ के सिरे पर उतरी, जो हिन्नोम के पुत्र की तराई के सामने और रपाईम नामक तराई के उत्तरी ओर है; वहाँ से वह हिन्नोम की तराई में, अर्थात् यबूस के दक्षिणी ओर होकर एनरोगेल को उतरी; 17 वहाँ से वह उत्तर की ओर मुड़कर एनशेमेश को निकलकर उस गलीलोत की ओर गई, जो अदुम्मीम की चढ़ाई के सामने है, फिर वहाँ से वह रूबेन के पुत्र बोहन के पत्थर तक उतर गई; 18 वहाँ से वह उत्तर की ओर जाकर अराबा के सामने के पहाड़ की ओर से होते हुए अराबा को उतरी; 19 वहाँ से वह सीमा बेथोग्ला की उत्तरी ओर से जाकर खारे ताल की उत्तर ओर के कोल में यरदन के मुहाने पर निकली; दक्षिण की सीमा यही ठहरी। 20 और पूर्व की ओर की सीमा यरदन ही ठहरी। बिन्यामीनियों का भाग, चारों ओर की सीमाओं सहित, उनके कुलों के अनुसार, यही ठहरा।
21 बिन्यामीनियों के गोत्र को उनके कुलों के अनुसार ये नगर मिले, अर्थात् यरीहो, बेथोग्ला, एमेक्कसीस, 22 बेतराबा, समारैम, बेतेल, 23 अब्बीम, पारा, ओप्रा, 24 कपरम्मोनी, ओफनी और गेबा; ये बारह नगर और इनके गाँव मिले। 25 फिर गिबोन, रामाह†रामाह: अर्थात् बहुत ऊँचा सम्भवतः शमूएल का जन्म स्थान एवं निवास-स्थान। , बेरोत, 26 मिस्पे, कपीरा, मोसा, 27 रेकेम, यिर्पेल, तरला, 28 सेला, एलेप, यबूस (जो यरूशलेम भी कहलाता है), गिबा और किर्यत; ये चौदह नगर और इनके गाँव उन्हें मिले। बिन्यामीनियों का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।
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