5 परदेशी आ खड़े होंगे और तुम्हारी भेड़-बकरियों को चराएँगे और विदेशी लोग तुम्हारे हल चलानेवाले और दाख की बारी के माली होंगे; 6 पर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे*तुम यहोवा के याजक कहलाओगे: संसार तुम्हें श्रद्धा अर्पित करेगा और तुम सब देशों की उपज का आनन्द लोगे और इस कारण तुम केवल यहोवा की सेवा में समर्पित रहोगे।, वे तुम को हमारे परमेश्वर के सेवक कहेंगे; और तुम जाति-जाति की धन-सम्पत्ति को खाओगे, उनके वैभव की वस्तुएँ पाकर तुम बड़ाई करोगे। (1 पत. 2:5,9, प्रका. 1:6, प्रका. 5:10) 7 तुम्हारी नामधराई के बदले दूना भाग मिलेगा, अनादर के बदले तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे; तुम अपने देश में दूने भाग के अधिकारी होंगे; और सदा आनन्दित बने रहोगे।
8 क्योंकि, मैं यहोवा न्याय से प्रीति रखता हूँ, मैं अन्याय और डकैती से घृणा करता हूँ; इसलिए मैं उनको उनका प्रतिफल सच्चाई से दूँगा, और उनके साथ सदा की वाचा बाँधूँगा। 9 उनका वंश जाति-जाति में और उनकी सन्तान देश-देश के लोगों के बीच प्रसिद्ध होगी; जितने उनको देखेंगे, पहचान लेंगे कि यह वह वंश है जिसको परमेश्वर ने आशीष दी है।
10 मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा†मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा: इसका अर्थ है कि यहोवा की विश्वासयोग्यता और सिद्धता के कारण आनन्द बड़ेगा, जो उनके लोगों के छुटकारे के द्वारा प्रगट होगा। , मेरा प्राण परमेश्वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उसने मुझे उद्धार के वस्त्र पहनाए, और धार्मिकता की चद्दर ऐसे ओढ़ा दी है जैसे दूल्हा फूलों की माला से अपने आपको सजाता और दुल्हन अपने गहनों से अपना सिंगार करती है। (इब्रा. 3:18, रोम. 5:11, प्रका. 19:7,8) 11 क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के सामने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा।
<- यशायाह 60यशायाह 62 ->- a तुम यहोवा के याजक कहलाओगे: संसार तुम्हें श्रद्धा अर्पित करेगा और तुम सब देशों की उपज का आनन्द लोगे और इस कारण तुम केवल यहोवा की सेवा में समर्पित रहोगे।
- b मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा: इसका अर्थ है कि यहोवा की विश्वासयोग्यता और सिद्धता के कारण आनन्द बड़ेगा, जो उनके लोगों के छुटकारे के द्वारा प्रगट होगा।