5 उस समय सेनाओं का यहोवा स्वयं अपनी प्रजा के बचे हुओं के लिये सुन्दर और प्रतापी मुकुट ठहरेगा; 6 और जो न्याय करने को बैठते हैं उनके लिये न्याय करनेवाली आत्मा*जो न्याय करने को बैठते हैं उनके लिये न्याय करनेवाली आत्मा: इस गद्यांश का अर्थ है कि यहोवा उस देश के न्यायियों को ज्ञान प्रदान करेगा जिससे कि उनमें उचित को समझने की बुद्धि उत्पन्न हो और वे उसे करेंगी। और जो चढ़ाई करते हुए शत्रुओं को नगर के फाटक से हटा देते हैं, उनके लिये वह बल ठहरेगा।
7 ये भी दाखमधु के कारण डगमगाते और मदिरा से लड़खड़ाते हैं; याजक और नबी भी मदिरा के कारण डगमगाते हैं, दाखमधु ने उनको भुला दिया है, वे मदिरा के कारण लड़खड़ाते और दर्शन पाते हुए भटके जाते, और न्याय में भूल करते हैं। 8 क्योंकि सब भोजन आसन वमन और मल से भरे हैं, कोई शुद्ध स्थान नहीं बचा।
9 “वह किसको ज्ञान सिखाएगा, और किसको अपने समाचार का अर्थ समझाएगा? क्या उनको जो दूध छुड़ाए हुए और स्तन से अलगाए हुए हैं? 10 क्योंकि आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ।”
11 वह तो इन लोगों से परदेशी होठों और विदेशी भाषावालों के द्वारा बातें करेगा; 12 जिनसे उसने कहा, “विश्राम इसी से मिलेगा; इसी के द्वारा थके हुए को विश्राम दो;” परन्तु उन्होंने सुनना न चाहा। 13 इसलिए यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहाँ, थोड़ा वहाँ, जिससे वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएँ, और फंदे में फँसकर पकड़े जाएँ।
21 क्योंकि यहोवा ऐसा उठ खड़ा होगा जैसा वह पराजीम नामक पर्वत पर खड़ा हुआ और जैसा गिबोन की तराई में उसने क्रोध दिखाया था; वह अब फिर क्रोध दिखाएगा, जिससे वह अपना काम करे, जो अचम्भित काम है, और वह कार्य करे जो अनोखा है। 22 इसलिए अब तुम ठट्ठा मत करो, नहीं तो तुम्हारे बन्धन कसे जाएँगे‡तुम्हारे बन्धन कसे जाएँगे: अन्यथा तुम्हारा कारावास और भी अधिक कठोर एवं निर्दयी होगा। परमेश्वर उन्हें उनके पापों के अनुसार दण्ड देगा।; क्योंकि मैंने सेनाओं के प्रभु यहोवा से यह सुना है कि सारे देश का सत्यानाश ठाना गया है।
27 दाँवने की गाड़ी से तो सौंफ दाई नहीं जाती, और गाड़ी का पहिया जीरे के ऊपर नहीं चलाया जाता; परन्तु सौंफ छड़ी से, और जीरा सोंटे से झाड़ा जाता है। 28 रोटी के अन्न की दाँवनी की जाती है, परन्तु कोई उसको सदा दाँवता नहीं रहता; और न गाड़ी के पहिये न घोड़े उस पर चलाता है, वह उसे चूर-चूर नहीं करता। 29 यह भी सेनाओं के यहोवा की ओर से नियुक्त हुआ है, वह अद्भुत युक्तिवाला और महाबुद्धिमान है।
<- यशायाह 27यशायाह 29 ->- a जो न्याय करने को बैठते हैं उनके लिये न्याय करनेवाली आत्मा: इस गद्यांश का अर्थ है कि यहोवा उस देश के न्यायियों को ज्ञान प्रदान करेगा जिससे कि उनमें उचित को समझने की बुद्धि उत्पन्न हो और वे उसे करेंगी।
- b ठट्ठा करनेवालों: तुम जो परमेश्वर के सन्देश की अवहेलना करते हो, उससे घृणा करते हो, जो सुरक्षा के भ्रम की उत्तम कल्पना करते हो और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के दण्ड की चेतावनी का ठट्ठा करते हो।
- c तुम्हारे बन्धन कसे जाएँगे: अन्यथा तुम्हारा कारावास और भी अधिक कठोर एवं निर्दयी होगा। परमेश्वर उन्हें उनके पापों के अनुसार दण्ड देगा।