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7
विनाश के तीन दर्शन टिड्डियाँ
1 परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह दिखाया: और मैं क्या देखता हूँ कि उसने पिछली घास के उगने के आरम्भ में टिड्डियाँ उत्पन्न कीं; और वह राजा की कटनी के बाद की पिछली घास थी। 2 जब वे घास खा चुकीं, तब मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, क्षमा कर! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कितना निर्बल है!” 3 इसके विषय में यहोवा पछताया, और उससे कहा, “ऐसी बात अब न होगी।”
आग
4 परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह दिखाया: और क्या देखता हूँ कि परमेश्वर यहोवा ने आग के द्वारा मुकद्दमा लड़ने को पुकारा, और उस आग से महासागर सूख गया, और देश भी भस्म होने लगा था। 5 तब मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, रुक जा! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कैसा निर्बल है।” 6 इसके विषय में भी यहोवा पछताया; और परमेश्वर यहोवा ने कहा, “ऐसी बात फिर न होगी।”
साहुल
7 उसने मुझे यह भी दिखाया: मैंने देखा कि प्रभु साहुल लगाकर बनाई हुई किसी दीवार पर खड़ा है, और उसके हाथ में साहुल है। 8 और यहोवा ने मुझसे कहा, “हे आमोस, तुझे क्या देख पड़ता है?” मैंने कहा, “एक साहुल।” तब परमेश्वर ने कहा, “देख, मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बीच में साहुल लगाऊँगा। 9 मैं अब उनको न छोड़ूँगा। इसहाक के ऊँचे स्थान उजाड़, और इस्राएल के पवित्रस्थान सुनसान हो जाएँगे, और मैं यारोबाम के घराने पर तलवार खींचे हुए चढ़ाई करूँगा।”
आमोस और अमस्याह
10 तब बेतेल के याजक अमस्याह*याजक अमस्याह: वह सम्भवत प्रधान पुरोहित था हारून के क्रम में और परमेश्वर द्वारा नियुक्त ने इस्राएल के राजा यारोबाम के पास कहला भेजा, “आमोस ने इस्राएल के घराने के बीच में तुझ से राजद्रोह की गोष्ठी की है; उसके सारे वचनों को देश नहीं सह सकता। 11 क्योंकि आमोस यह कहता है, ‘यारोबाम तलवार से मारा जाएगा, और इस्राएल अपनी भूमि पर से निश्चय बँधुआई में जाएगा।’ ”

12 तब अमस्याह ने आमोस से कहा, “हे दर्शी, यहाँ से निकलकर यहूदा देश में भाग जा, और वहीं रोटी खाया कर, और वहीं भविष्यद्वाणी किया कर; 13 परन्तु बेतेल में फिर कभी भविष्यद्वाणी न करना, क्योंकि यह राजा का पवित्रस्थान और राज-नगरराज-नगर: अर्थात् परमेश्वर का मन्दिर है।” 14 आमोस ने उत्तर देकर अमस्याह से कहा, “मैं न तो भविष्यद्वक्ता था, और न भविष्यद्वक्ता का बेटा; मैं तो गाय-बैल का चरवाहा, और गूलर के वृक्षों का छाँटनेवाला था, 15 और यहोवा ने मुझे भेड़-बकरियों के पीछे-पीछे फिरने से बुलाकर कहा, ‘जा, मेरी प्रजा इस्राएल से भविष्यद्वाणी कर।’ 16 इसलिए अब तू यहोवा का वचन सुन, तू कहता है, ‘इस्राएल के विरुद्ध भविष्यद्वाणी मत कर; और इसहाक के घराने के विरुद्ध बार बार वचन मत सुना।’ 17 इस कारण यहोवा यह कहता है: ‘तेरी स्त्री नगर में वेश्या हो जाएगी, और तेरे बेटे-बेटियाँ तलवार से मारे जाएँगे, और तेरी भूमि डोरी डालकर बाँट ली जाएँगी; और तू आप अशुद्ध देश में मरेगा, और इस्राएल अपनी भूमि पर से निश्चय बँधुआई में जाएगा।’ ”

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