3 परन्तु प्रभु विश्वासयोग्य है*प्रभु विश्वासयोग्य है: यद्यपि मनुष्य भरोसे योग्य नहीं है, परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञाओं और अपने उद्देश्यों के प्रति सच्चा है।; वह तुम्हें दृढ़ता से स्थिर करेगा: और उस दुष्ट से सुरक्षित रखेगा। 4 और हमें प्रभु में तुम्हारे ऊपर भरोसा है, कि जो-जो आज्ञा हम तुम्हें देते हैं, उन्हें तुम मानते हो, और मानते भी रहोगे। 5 परमेश्वर के प्रेम और मसीह के धीरज की ओर प्रभु तुम्हारे मन की अगुआई करे।
14 यदि कोई हमारी इस पत्री की बात को न माने, तो उस पर दृष्टि रखो; और उसकी संगति न करो, जिससे वह लज्जित हो; 15 तो भी उसे बैरी मत समझो पर भाई जानकर चिताओ।
17 मैं पौलुस अपने हाथ से‡अपने हाथ से: अर्थात्, यह हस्ताक्षर इस पत्री की सत्यता का चिन्ह या प्रमाण हैं। नमस्कार लिखता हूँ। हर पत्री में मेरा यही चिन्ह है: मैं इसी प्रकार से लिखता हूँ। 18 हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम सब पर होता रहे।
<- 2 थिस्सलुनीकियों 2- a प्रभु विश्वासयोग्य है: यद्यपि मनुष्य भरोसे योग्य नहीं है, परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञाओं और अपने उद्देश्यों के प्रति सच्चा है।
- b औरों के काम में हाथ डाला करते हैं: अर्थात् वे दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करते हैं, उनका स्वयं का ऐसा कोई काम नहीं होता जिसमें वे अपने आपको व्यस्त रख सके।
- c अपने हाथ से: अर्थात्, यह हस्ताक्षर इस पत्री की सत्यता का चिन्ह या प्रमाण हैं।