8 जब आसा ने ये वचन और ओदेद नबी की नबूवत सुनी, तब उसने हियाव बाँधकर यहूदा और बिन्यामीन के सारे देश में से, और उन नगरों में से भी जो उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में ले लिये थे, सब घिनौनी वस्तुएँ दूर कीं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के सामने थी, उसको नये सिरे से बनाया। 9 उसने सारे यहूदा और बिन्यामीन को, और एप्रैम, मनश्शे और शिमोन में से जो लोग उसके संग रहते थे, उनको इकट्ठा किया, क्योंकि वे यह देखकर कि उसका परमेश्वर यहोवा उसके संग रहता है, इस्राएल में से बहुत से उसके पास चले आए थे। 10 आसा के राज्य के पन्द्रहवें वर्ष के तीसरे महीने में वे यरूशलेम में इकट्ठा हुए। 11 उसी समय उन्होंने उस लूट में से जो वे ले आए थे, सात सौ बैल और सात हजार भेड़-बकरियाँ, यहोवा को बलि करके चढ़ाईं। 12 उन्होंने वाचा बाँधी*उन्होंने वाचा बाँधी: परमेश्वर ने उनके पूर्वजों के साथ जो पावन वाचा जंगल में बाँधी थी (निर्ग. 24:3-8) उसी वाचा का यह व्यावहारिक नवीकरण था और यहूदियों के इतिहास में ऐसा समय समय पर होता रहा है। कि हम अपने पूरे मन और सारे जीव से अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज करेंगे; 13 और क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या स्त्री, क्या पुरुष, जो कोई इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की खोज न करे, वह मार डाला जाएगा। 14 और उन्होंने जय जयकार के साथ तुरहियां और नरसिंगे बजाते हुए ऊँचे शब्द से यहोवा की शपथ खाई। 15 यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बड़ी अभिलाषा से उसको ढूँढ़ा और वह उनको मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया।
16 आसा राजा की माता माका जिसने अशेरा के पास रखने के लिए एक घिनौनी मूरत बनाई, उसको उसने राजमाता के पद से उतार दिया; और आसाप ने उसकी मूरत काटकर पीस डाली और किद्रोन नाले में फेंक दी। 17 ऊँचे स्थान तो इस्राएलियों में से न ढाए गए, तो भी आसा का मन जीवन भर निष्कपट रहा†आसा का मन जीवन भर निष्कपट रहा: यह नहीं कि आसा ने पाप नहीं किया परन्तु वह मूर्तिपूजा के पाप से बचा रहा और आजीवन यहोवा का निष्ठावान रहा। । 18 उसने जो सोना-चाँदी, और पात्र उसके पिता ने अर्पण किए थे, और जो उसने आप अर्पण किए थे, उनको परमेश्वर के भवन में पहुँचा दिया। 19 राजा आसा के राज्य के पैंतीसवें वर्ष तक फिर लड़ाई न हुई।
<- 2 इतिहास 142 इतिहास 16 ->- a उन्होंने वाचा बाँधी: परमेश्वर ने उनके पूर्वजों के साथ जो पावन वाचा जंगल में बाँधी थी (निर्ग. 24:3-8) उसी वाचा का यह व्यावहारिक नवीकरण था और यहूदियों के इतिहास में ऐसा समय समय पर होता रहा है।
- b आसा का मन जीवन भर निष्कपट रहा: यह नहीं कि आसा ने पाप नहीं किया परन्तु वह मूर्तिपूजा के पाप से बचा रहा और आजीवन यहोवा का निष्ठावान रहा।