6 तब यहोवा का हाथ अश्दोदियों के ऊपर भारी पड़ा, और वह उन्हें नाश करने लगा; और उसने अश्दोद और उसके आस-पास के लोगों के गिलटियाँ निकालीं। 7 यह हाल देखकर अश्दोद के लोगों ने कहा, “इस्राएल के देवता का सन्दूक हमारे मध्य रहने नहीं पाएगा; क्योंकि उसका हाथ हम पर और हमारे देवता दागोन पर कठोरता के साथ पड़ा है।” 8 तब उन्होंने पलिश्तियों के सब सरदारों को बुलवा भेजा, और उनसे पूछा, “हम इस्राएल के देवता के सन्दूक से क्या करें†इस्राएल के देवता के सन्दूक से क्या करें: अन्यजाति के प्रचलित अंधविश्वास के कारण उन्होंने कल्पना की कि अश्दोद में उनके विरुद्ध स्थानीय बुराई है। परिणामस्वरूप सम्पूर्ण पलिश्ती समुदाय आपदाग्रस्त हो गया। ?” वे बोले, “इस्राएल के देवता का सन्दूक घुमाकर गत नगर में पहुँचाया जाए।” अत: उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर के सन्दूक को घुमाकर गत में पहुँचा दिया। 9 जब वे उसको घुमाकर वहाँ पहुँचे, तो यूँ हुआ कि यहोवा का हाथ उस नगर के विरुद्ध ऐसा उठा कि उसमें अत्यन्त बड़ी हलचल मच गई; और उसने छोटे से बड़े तक उस नगर के सब लोगों को मारा, और उनके गिलटियाँ निकलने लगीं। 10 तब उन्होंने परमेश्वर का सन्दूक एक्रोन को भेजा और जैसे ही परमेश्वर का सन्दूक एक्रोन में पहुँचा वैसे ही एक्रोनी यह कहकर चिल्लाने लगे, “इस्राएल के देवता का सन्दूक घुमाकर हमारे पास इसलिए पहुँचाया गया है, कि हम और हमारे लोगों को मरवा डालें।” 11 तब उन्होंने पलिश्तियों के सब सरदारों को इकट्ठा किया, और उनसे कहा, “इस्राएल के देवता के सन्दूक को निकाल दो, कि वह अपने स्थान पर लौट जाए, और हमको और हमारे लोगों को मार डालने न पाए।” उस समस्त नगर में तो मृत्यु के भय की हलचल मच रही थी, और परमेश्वर का हाथ वहाँ बहुत भारी पड़ा था। 12 और जो मनुष्य न मरे वे भी गिलटियों के मारे पड़े रहे; और नगर की चिल्लाहट आकाश तक पहुँची।
<- 1 शमूएल 41 शमूएल 6 ->- a पलिश्तियों ने परमेश्वर के सन्दूक को .... दागोन के पास रख दिया: कि पलिश्तियों के देवताओं द्वारा इस्राएल के परमेश्वर पर विजय को उजागर करें।
- b इस्राएल के देवता के सन्दूक से क्या करें: अन्यजाति के प्रचलित अंधविश्वास के कारण उन्होंने कल्पना की कि अश्दोद में उनके विरुद्ध स्थानीय बुराई है। परिणामस्वरूप सम्पूर्ण पलिश्ती समुदाय आपदाग्रस्त हो गया।