7 और सुलैमान के बारह भण्डारी थे, जो समस्त इस्राएलियों के अधिकारी होकर राजा और उसके घराने के लिये भोजन का प्रबन्ध करते थे। एक-एक पुरुष प्रतिवर्ष अपने-अपने नियुक्त महीने में प्रबन्ध करता था। 8 उनके नाम ये थे, अर्थात् एप्रैम के पहाड़ी देश में बेन्हूर। 9 और माकस, शाल्बीम, बेतशेमेश और एलोन-बेतानान में बेन्देकेर था। 10 अरुब्बोत में बेन्हेसेद जिसके अधिकार में सोको और हेपेर का समस्त देश था। 11 दोर के समस्त ऊँचे देश में बेन-अबीनादब जिसकी स्त्री सुलैमान की बेटी तापत थी। 12 अहीलूद का पुत्र बाना जिसके अधिकार में तानाक, मगिद्दो और बेतशान का वह सब देश था, जो सारतान के पास और यिज्रेल के नीचे और बेतशान से आबेल-महोला तक अर्थात् योकमाम की परली ओर तक है। 13 और गिलाद के रामोत में बेनगेबेर था, जिसके अधिकार में मनश्शेई याईर के गिलाद के गाँव थे, अर्थात् इसी के अधिकार में बाशान के अर्गोब का देश था, जिसमें शहरपनाह और पीतल के बेंड़ेवाले साठ बड़े-बड़े नगर थे। 14 इद्दो के पुत्र अहीनादाब के हाथ में महनैम था। 15 नप्ताली में अहीमास था, जिसने सुलैमान की बासमत नाम बेटी को ब्याह लिया था। 16 आशेर और आलोत में हूशै का पुत्र बाना, 17 इस्साकार में पारुह का पुत्र यहोशापात, 18 और बिन्यामीन में एला का पुत्र शिमी था। 19 ऊरी का पुत्र गेबेर गिलाद में अर्थात् एमोरियों के राजा सीहोन और बाशान के राजा ओग के देश में था, इस समस्त देश में वही अधिकारी था। 20 यहूदा और इस्राएल के लोग बहुत थे, वे समुद्र तट पर के रेतकणों के समान बहुत थे, और खाते-पीते और आनन्द करते रहे।
21 सुलैमान तो महानद से लेकर पलिश्तियों के देश, और मिस्र की सीमा तक के सब राज्यों के ऊपर प्रभुता करता था और उनके लोग सुलैमान के जीवन भर भेंट लाते, और उसके अधीन रहते थे।
22 सुलैमान की एक दिन की रसोई में इतना उठता था, अर्थात् तीस कोर मैदा, साठ कोर आटा, 23 दस तैयार किए हुए बैल और चराइयों में से बीस बैल और सौ भेड़-बकरी और इनको छोड़ हिरन, चिकारे, यखमूर और तैयार किए हुए पक्षी। 24 क्योंकि फरात के इस पार के समस्त देश पर अर्थात् तिप्सह से लेकर गाज़ा तक जितने राजा थे, उन सभी पर सुलैमान प्रभुता करता, और अपने चारों ओर के सब रहनेवालों से मेल रखता था। 25 और दान से बेर्शेबा तक के सब यहूदी और इस्राएली अपनी-अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले सुलैमान के जीवन भर निडर रहते थे†अपनी-अपनी दाखलता .... वृक्ष तले .... निडर रहते थे: यहूदियों में और पड़ोसी राज्यों (2 राजा.18:31) में भी शान्ति और सुरक्षा के समय को इस प्रकार व्यक्त करना एक सामान्य बात थी। । 26 फिर उसके रथ के घोड़ों के लिये सुलैमान के चालीस हजार घुड़साल थे, और उसके बारह हजार घुड़सवार थे। 27 और वे भण्डारी अपने-अपने महीने में राजा सुलैमान के लिये और जितने उसकी मेज पर आते थे, उन सभी के लिये भोजन का प्रबन्ध करते थे, किसी वस्तु की घटी होने नहीं पाती थी। 28 घोड़ों और वेग चलनेवाले घोड़ों के लिये जौ और पुआल जहाँ प्रयोजन होता था वहाँ आज्ञा के अनुसार एक-एक जन पहुँचाया करता था।
29 और परमेश्वर ने सुलैमान को बुद्धि दी, और उसकी समझ बहुत ही बढ़ाई, और उसके हृदय में समुद्र तट के रेतकणों के तुल्य अनगिनत गुण दिए। 30 और सुलैमान की बुद्धि पूर्व देश के सब निवासियों और मिस्रियों की भी बुद्धि से बढ़कर बुद्धि थी। 31 वह तो और सब मनुष्यों से वरन् एतान, एज्रेही और हेमान, और माहोल के पुत्र कलकोल, और दर्दा से भी अधिक बुद्धिमान था और उसकी कीर्ति चारों ओर की सब जातियों में फैल गई। 32 उसने तीन हजार नीतिवचन‡नीतिवचन: नीतिवचनों की पुस्तक में केवल कुछ ही नीतिवचनों का संग्रह है। सुलैमान के नीतिवचनों का अधिकांश भाग नष्ट हो गया है। कहे, और उसके एक हजार पाँच गीत भी हैं। 33 फिर उसने लबानोन के देवदारुओं से लेकर दीवार में से उगते हुए जूफा तक के सब पेड़ों की चर्चा और पशुओं पक्षियों और रेंगनेवाले जन्तुओं और मछलियों की चर्चा की। 34 और देश-देश के लोग पृथ्वी के सब राजाओं की ओर से जिन्होंने सुलैमान की बुद्धि की कीर्ति सुनी थी, उसकी बुद्धि की बातें सुनने को आया करते थे।
<- 1 राजाओं 31 राजाओं 5 ->- a सादोक का पुत्र अजर्याह याजक: पुरोहित का पद अजर्याह का था सादोक का नहीं। वह सादोक का पोता था। वह सम्भवत: उसके बाद पुरोहित बन गया था।
- b अपनी-अपनी दाखलता .... वृक्ष तले .... निडर रहते थे: यहूदियों में और पड़ोसी राज्यों (2 राजा.18:31) में भी शान्ति और सुरक्षा के समय को इस प्रकार व्यक्त करना एक सामान्य बात थी।
- c नीतिवचन: नीतिवचनों की पुस्तक में केवल कुछ ही नीतिवचनों का संग्रह है। सुलैमान के नीतिवचनों का अधिकांश भाग नष्ट हो गया है।