10 परन्तु परमेश्वर ने उनको अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रगट किया; क्योंकि आत्मा सब बातें, वरन् परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जाँचता है। 11 मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा जो उसमें है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेश्वर का आत्मा। (नीति. 20:27) 12 परन्तु हमने संसार की आत्मा‡संसार की आत्मा: वह बुद्धि और ज्ञान नहीं जो यह संसार दे सकता हैं। नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं। 13 जिनको हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु पवित्र आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मा, आत्मिक ज्ञान से आत्मिक बातों की व्याख्या करती है। 14 परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उसकी दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है। 15 आत्मिक§आत्मिक: वह मनुष्य जो पवित्र आत्मा के द्वारा प्रबुद्ध है जन सब कुछ जाँचता है, परन्तु वह आप किसी से जाँचा नहीं जाता।
- a मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभानेवाली बातें नहीं: उस प्रकार के वक्तत्व के साथ नहीं जिसे वशीकरण और आकर्षण के लिए अनुकूलित किया गया था।
- b जो आँख ने नहीं देखी: इसका मतलब कोई भी कभी भी पूरी तरह से न महसूस किया और न समझा था उसकी कीमत और सौन्दर्य जो परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए तैयार की हैं।
- c संसार की आत्मा: वह बुद्धि और ज्ञान नहीं जो यह संसार दे सकता हैं।
- d आत्मिक: वह मनुष्य जो पवित्र आत्मा के द्वारा प्रबुद्ध है