3 क्यूँके मै उस अनुग्रह कै कारण जो मेरै ताहीं मिल्या सै, थारे म्ह तै हरेक तै कहूँ सूं, के जिसा समझणा चाहिये, उसतै बढ़कै कोए भी अपणे-आपनै ना समझै। पर इसकी बजाए सदबुध्दी राखकै, जिसा परमेसवर नै जितना बिश्वास थारे ताहीं दिया सै उसकै मुताबिक अपणे-आपनै समझो। 4 क्यूँके जिसा म्हारी एक देह म्ह घण-ए अंग सै, अर सारे अंगा का एके काम कोनी। 5 इस्से तरियां हम जो मसीह म्ह बिश्वास करा सां, हम उसके देह के कुछ अंग बणगे सां, अर हम दुसरे तै जुड़े होए सां। 6 जिब के उस अनुग्रह कै मुताबिक जो परमेसवर नै म्हारै ताहीं दिया सै, हमनै न्यारे-न्यारे वरदान मिले सै। तो जिस ताहीं परमेसवर नै भविष्यवाणी का दान दिया सै, वो उन ए बात्तां नै बोल्लै जो उसनै बिश्वास दिलाते हो के ये परमेसवर की ओड़ तै सै। 7 जै दुसरयां की सेवा करण का दान मिल्या हो, तो सेवा म्ह लाग्या रहवै, जै कोए सिखाण आळा हो, तो सिखाण म्ह लाग्या रहवै। 8 जो उत्साहित करण आळा हो, वो उत्साहित करण म्ह लाग्या रहवै, दान देण आळा हो उदारता तै देवै, जो अगुवाई करै, वो जोश तै करै, जो दया करै, वो खुशी तै करै।
9 प्यार करण का दिखावा ना करो, बुराई तै नफरत करो, भलाई म्ह उत्सुक रहो। 10 एक-दुसरे तै इस तरियां प्यार करो, जणु एक ए परिवार के हो, आप्पस म्ह एक-दुसरे का बढ़-चढ़कै आदर करो। 11 कड़ी मेहनत करो अर आलसी ना बणो, आत्मिक जोश तै भरे रहो। प्रभु की सेवा पूरे मन तै करदे रहो। 12 आस म्ह खुश रहो, क्ळेश म्ह धीरज धरो, प्रार्थना म्ह सारी हाण लाग्गे रहो। 13 पवित्र माणसां ताहीं जो किमे जरूरी हो, उस म्ह उनकी मदद करो, अर अजनबी*अजनबी माणस जो मसीह की सेवकाई कै खात्तर जगहां-जगहां घूमते हो माणसां की सदा सेवा-पाणी म्ह लाग्गे रहो।
14 अपणे सताण आळा ताहीं आशीष द्यो, आशीष दो श्राप ना द्यो। 15 आनन्द करण आळा कै गेल्या आनन्द करो, अर रोण आळा कै गेल्या रोओ। 16 जिस तरियां थम अपणी परवाह करो सों, उस्से तरियां दुसरयां की परवाह करो, खुद पै घमण्ड ना करो, पर दीन-दुखियाँ कै गेल्या संगति राक्खो, अपणी नजर म्ह अकलमंद ना होवो। 17 बुराई कै बदले किसे तै बुराई ना करो, जो बात सारे माणसां कै लोवै आच्छी सै, उनकी फिक्र करया करो। 18 जित्त ताहीं हो सकै, थम पूरे मन तै सारे माणसां कै गेल्या मेळ-मिलाप राक्खो। 19 हे प्यारे बिश्वासी भाईयो, बदला ना लियो, पर परमेसवर ताहीं बदला लेण का मौक्का द्यो, क्यूँके पवित्र ग्रन्थ म्ह लिख्या सै, “बदला लेणा मेरा काम सै, प्रभु कहवै सै मै ए बदला ल्यूँगा।” 20 पर वचन यो भी कहवै “जै तेरा बैरी भूक्खा हो तो उस ताहीं खाणा खुवा, जै तिसाया हो तो उस ताहीं पाणी पिला, क्यूँके तेरे इसा करण तै वो खुद शर्मिन्दा हो जावैगा।” 21 बुराई तै ना जीत हासिल करो, पर भलाई तै बुराई नै जीत ल्यो।
<- रोमियों 11रोमियों 13 ->- a अजनबी माणस जो मसीह की सेवकाई कै खात्तर जगहां-जगहां घूमते हो