1 फेर सुर्गदूत नै मेरै ताहीं पाणी दिखाया जो जीवन देण आळा पाणी कहलावै सै, अर वो पाणी शीशे की तरियां साफ था, अर उसका चोवां परमेसवर का सिंहासन सै, जो के मेम्ने का भी सिंहासन सै। 2 वो नदी नगर के बीचों बीच सड़क कै बिचाळै बहवै थी। अर नदी कै इस पार, अर उस पार, उसके दोन्नु किनारां पै जीवन का दरखत था, जो जीवन देवै सै, उस म्ह बारहा ढाळ के फळ लाग्गै थे, अर वो हरेक महिन्ने फळ ल्यावै था, अर उस दरखत के पत्त्यां तै हरेक देश के माणस चंगे होवै थे। 3 अर फेर कोए श्राप न्ही होगा। परमेसवर अर मेम्ने का सिंहासन उस नगर म्ह होगा, अर उसके दास उसकी सेवा करैंगें। 4 अर वे परमेसवर ताहीं आम्ही-स्याम्ही देखैंगें, अर परमेसवर का नाम उनके माथ्यां पै लिख्या होया होगा। 5 अर फेर कदे रात न्ही होगी, अर ना ए उन ताहीं दीवै अर सूरज के चाँदणे की जरूरत होगी, क्यूँके प्रभु परमेसवर उन ताहीं चाँदणा देवैगा, अर वे युगानुयुग राज करैंगें।
14 धन्य वे सै, जो अपणे लत्ते धो लेवै सै, क्यूँके उन ताहीं जीवन के दरखत कै लोवै आण का हक मिलैगा, अर वे फाटकां तै हो कै नगर म्ह दाखल होवैंगे। 15 पर कुत्ते, अर जादू-टूणा करणीये, जार, हत्यारे, मूर्ति पूजणीया, हरेक झूठ का चाहण आळा, अर झूठ गढ़ण आळा बाहरणै रहवैगा। 16 मुझ यीशु नै अपणे सुर्गदूत ताहीं ज्यांतै भेज्या सै, ताके थारे आग्गै कलीसियाओं कै बारै म्ह इन बात्तां की गवाही दिंयु, मै दाऊद का मूल, अर वंश, अर भोर का चमकदा होड़ तारा सूं। 17 अर आत्मा, अर बन्दड़ी दोन्नु कहवै सै, “आ!” अर सुणण आळा भी कहवै, के “आ!” अर जो तिसाया हो, वो आवै अर जो कोए चाहवै वो जीवन का पाणी मुफ्त म्ह ले।