2 यूहन्ना नै जेळ म्ह मसीह के काम्मां की खबर सुणी अर अपणे चेल्यां ताहीं यीशु तै न्यू बुझ्झण भेज्या, 3 अर उसतै कह्या, “के आण आळा वो मसीहा जिसका वादा परमेसवर नै करया था, तू ए सै, या हम किसे और की बाट देक्खां?”
4 यीशु नै जवाब दिया, “जो कुछ थम सुणो सो अर देक्खो सो, यो सारा जाकै यूहन्ना ताहीं कह द्यो, 5 के आन्धे देक्खैं सै अर लंगड़े चाल्लै-फिरै सै, कोढ़ी ठीक करे जावै सै अर बहरे सुणै सै, मुर्दे जिन्दे करे जावै सै, अर कंगालां ताहीं सुसमाचार सुणाया जावै सै। 6 अर धन्य सै वे, जो मेरै पै शक न्ही करते, अर बिश्वास करणा न्ही छोड़ते।”
11 मै थमनै कहूँ सूं के जो बिरबानियाँ तै जणे सै, उन म्ह तै यूहन्ना बपतिस्मा देणआळे तै बड्ड़ा कोए न्ही होया, पर जो सुर्ग कै राज्य म्ह छोट्टे तै भी छोट्टा सै वो उसतै बड्ड़ा सै। 12 यूहन्ना बपतिस्मा देण आळे के दिनां तै इब ताहीं सुर्ग का राज्य बलपूर्वक बढ़ण लाग रहया सै, अर बिरोधी लोग उसनै रोकण की कोशिश करण लागरे सै। 13 यूहन्ना के आण तक सारे नबी अर मूसा के नियम-कायदा म्ह, सुर्ग के राज्य की भविष्यवाणी करी गई। 14 जै थम सच म्ह भविष्यवाणीयाँ पै बिश्वास करो सों, तो सुणो यूहन्ना ए वो एलिय्याह सै जो दोबारा आण आळा था।[b] 15 जिसके कान हों, वो ध्यान तै सुण ले।
16 “मै आज की पीढ़ी के माणसां की बराबरी किसतै करुँ? वे उन बाळकां की ढाळ सै, जो बजारां म्ह बेठ्ठे होए एक-दुसरे तै रुक्के मारकै शिकायत करै सै:”
17 “हमनै थारे खात्तर बाँसली बजाई, अर थम कोनी नाच्चे, हमनै बिलाप करया, अर थमनै छात्त्ती कोनी पिट्टी।”
18 “इस्से तरियां यूहन्ना बपतिस्मा देण आळा ना रोट्टी खाया करदा अर ना अंगूर का रस पिया करदा, अर थम कहो सो, ‘उस म्ह ओपरी आत्मा सै।’ 19 मुझ माणस के बेट्टे का खाण-पान और माणसां की तरियां साद्दा ए सै, लखाओ, थमनै मेरे ताहीं पेट्टू अर पियक्कड़ माणस, चुंगी लेणिये का अर पापियाँ का साथी घोषित कर दिया! पर ज्ञान अपणे काम्मां म्ह सच्चा ठहराया गया सै।”
27 “मेरे पिता नै मेरै ताहीं सब कुछ सौप्या सै, अर कोए बेट्टै ताहीं कोनी जाण्दा, सिर्फ पिता के अलावा, अर कोए पिता ताहीं कोनी जाण्दा, सिर्फ बेट्टे के अलावा, अर हरेक वो माणस जो परम पिता नै जाणे सै, जिसकै खात्तर बेट्टे नै उस ताहीं जाहिर करणा चाह्या सै।”
28 “हे सारे मेहनत करण आळो अर बोझ तै दबे होड़े माणसों, मेरै धोरै आओ, मै थमनै सुख-चैन दियुँगा। 29 मेरा जूआ अपणे उप्पर ठा ल्यो, अर मेरै तै सीखो, क्यूँके मै नरम अर मन का दीन सूं: अर थम अपणे मन म्ह सुख-चैन पाओगे। 30 क्यूँके मेरा जूआ सोखा अर मेरा बोझ हल्का सै”
<- मत्ती 10मत्ती 12 ->