5 जो सिंहासनो पाँदे बैठी रा था, तिने बोलेया, “देख, आऊँ सब कुछ नया करी देऊँआ।” तेबे तिने बोलेया, “लिखी लो, कऊँकि यो वचन विश्वासो जोगे और सच्चे ए।”
6 तेबे तिने माखे बोलेया, “यो गल्ला पुरिया ऊईगी रिया। आऊँ पईला और आखरी ए, शुरूआत और अंत ए। मां त्याये खे जिन्दगिया रे पाणिए री सूबल़ा ते मुफ्त पल़याणा। 7 जो जीती जाणे, सेई इना चीजा रे बारस ऊणे और आऊँ तिना रा परमेशर ऊणा और से मेरे पाऊ ऊणे। 8 पर डरपोका रा, अविश्वासिया रा, बुरे काम करने वाल़ेया रा, अत्यारे रा, व्याभिचारिया रा, जादू-टोणे करने वाल़ेया रा, मूर्तिपूजा करने वाल़ेया रा और सबी चूठेया रा इस्सा तेसा झीला रे मिलणा, जो आग और गन्धका साथे बल़दी रओई। ये दूजी मौत ए।”
15 से स्वर्गदूत जो मां साथे गल्ला करने लगी रा था, तेसगे नगर, तिजी रे फाटक और तिजी री शहरपनाह खे नापणे खे एक सुईने रा गज था। 16 से नगर चकौर बसी रा था, और तिजी री लम्बाई, चौड़ाईया रे बराबर थी। और तिने तेस गजो ते नगर नापेया, तो से साढे सात सौ कोस निकल़ेया तिजी री लम्बाई, चौड़ाई और ऊच्चाई बराबर थी। 17 तिने तेसरी शहरपनाह मांणूए री, मतलब-स्वर्गदूतो रे नाओं ते नापी, तो एक सौ चवाल़ी आथ निकल़ी। 18 तेसरी शहरपनाह यशबो री बणी री थी और नगर एड़े चोखे सुईने रा था, जो साफ काँचो जेड़ा था। 19 तेस नगरो री निऊँआ हर प्रकारा रे किमती पात्थरे की सजाई राखी थिया, पईली निऊँ यशबो री थी, दूजी नीलमणिया री, तीजी लालड़िया री, चौथी मरकदो री। 20 पांजी गोमेदको री, छठी माणिक्य री, साती पीतमणिया री, आठी पेरोजो री, नऊई पुखराजो री, दसी लहसनिए री, ग्यारी धूम्रकान्तो री और बारी याकूतो री थी। 21 बारा फाटका बारा मोतिया रे थे और एक-एक फाटक, एक-एक मोतियो रा बणी रा था। और नगरो री सड़का साफ काँचो जेड़ी चोखे सुईने री थिया।
22 मैं तिदे कोई मन्दर नि देखेया, कऊँकि सर्वशक्तिमान् प्रभु परमेशर और मिन्टू तिजी रा मन्दर ए। 23 तेस नगरो रे सूरज और चाँदो रे प्रयासे री कोई जरूरत निए, कऊँकि परमेशरो रे तेजो ते तिदे प्रयासा ओआ और मिन्टू तिजी रा दिऊआ ए। 24 जातिया-जातिया रे लोक तेसरे प्रयासे रे चलणे-फिरने और तरतिया रे राजेया आपणा-आपणा आदरो रा सामान तिदे ल्याऊणा। 25 तिजी रे फाटक दिने कदी बंद नि ऊणे और रात तेती नि ऊणी। 26 जातिया-जातिया रे लोका एस नगरो रे हर प्रकारा रा महिमा और आदरो रा सामान ल्याऊणा। 27 तिदे कोई अपवित्र काम करने वाल़ा या घृणित काम करने वाल़ा, या चूठ बोलणे वाल़ा किंयाँ बी जाई नि सकदा। पर बस सेयो लोक ई जाई सकणे, जिना रे नाओं मिन्टूए री जीवनो री कताबा रे लिखी राखे।
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