4 “जेड़ा मेरा चाल-चलण शुरूओ ते आपणी जातिया बीचे और यरूशलेमो रे था, ये सब यहूदिया रे अगुवा जाणोए। 5 सेयो जे गवाई देणा चाओए, तो शुरूओ ते माखे पछयाणोए कि आऊँ फरीसी ऊई की आपणे तर्मो रे सबी ते खरे पन्थो रे मुताबिक चलेया। 6 और एबे तेस वादे री उम्मीदा री बजअ ते, जो परमेशरे आसा रे बाप-दादेया साथे कित्ती थी, मां पाँदे मुकद्दमा चली रा। 7 तेसी वादे रे पूरे ऊणे री उम्मीद लगाए रे आसा रे बारा गोत्र, आपणे सारे मनो ते रात-दिन परमेशरो री सेवा करदे आयी रे। ओ राजा! इजी उम्मीदा रे बारे रे यहूदी मां पाँदे दोष लगाणे लगी रे। 8 जबकि जादातर यहूदी ये विश्वास करोए कि परमेशर मरे रेया खे जिऊँदा करोआ, तो तुसा रे एती, ये गल्ल कऊँ विश्वासो जोगी नि समजी जांदी?
9 “मैं बी सोचेया था कि यीशु नासरियो रे नाओं रे बिरोदो रे माखे बऊत कुछ करना चाईयो। 10 और मैं यरूशलेमो रे एड़ा ई कित्तेया और बड़े पुरोईता ते अक्क पाई की बऊत सारे पवित्र लोक जेला रे पाए और जेबे सेयो काए जाओ थे, तो आऊँ बी तिना रे बिरोदो रे आपणी सलाह देऊँ था। 11 आऊँ हर प्रार्थना रे कअरो रे तिना खे कूटी-कूटी की यीशुए री निन्दा करवाऊँ था, एथो तक कि रोषो रे मारे इतणा पागल ऊईगा कि बारले नगरो रे जाई की बी तिना खे सताऊँ था।
12 “एसी धुना रे जेबे आऊँ बड़े पुरोईता ते अक्क और आज्ञा-पत्र लयी की दमिश्को नगरो खे जाणे लगी रा था, 13 तेबे ओ राजा! बाटा रे त्याड़िया जे, मैं सर्गो ते एक सूरजो री चमका ते बी बढ़ी की एक जोति आपू पाँदे और साथे चलणे वाल़ेया रे चऊँ कनारे चमकदी ऊई देखी। 14 और जेबे आसे सब जमीना पाँदे रूड़ी गे, तेबे मैं इब्रानी पाषा (भाषा) रे मां साथे बोलदे ऊए ये शब्द सुणेया, ‘ओ शाऊल! ओ शाऊल! तूँ माखे कऊँ सताणे लगी रा? पईने पाँदे लाते बाणी ईदे तेरा ई नुकशाण ए।’ 15 मैं बोलेया, ‘ओ प्रभु! तूँ कुण ए?’ प्रभुए बोलेया, ‘आऊँ यीशु ए, जेसखे तूँ सताएया। 16 पर तूँ उठ, आपणे पैरा पाँदे खड़ा ओ, कऊँकि मैं ताखे इजी री खातर दर्शन देई राखेया, ताकि ताखे तिना गल्ला रा सेवक और गवा ठराऊँ, जो तैं देखी राखिया और तिना रा बी, जिना री तंईं मां ताखे दर्शन देणा 17 यहूदियो और दुजिया जातिया ते, जिना बीचे आँऊ ताखे पेजणे लगी रा मां तूँ तिना ते बचाणा। 18 ताकि तूँ तिना री आखी खोल, ताकि सेयो न्हेरे ते जोतिया री तरफा खे और शैतानो रे अक्को ते परमेशरो रे राज्य री तरफा खे फिरो। ताकि सेयो पापो री माफी और तिना लोका साथे जो मां पाँदे विश्वास करने ते पवित्र कित्ते रे ए, जायदात पाओ।’
24 जेबे पौलुस ईंयां जवाब देणे लगी रा था, तेबे फेस्तुसे जोरे की बोलेया, “ओ पौलुस, तूँ पागल ऊईगा रा, जादा पढ़ाईये तूँ पागल बणाई ता दा।” 25 पर पौलुसे बोलेया, “ओ महाप्रतापी फेस्तुस! आऊँ पागल निए, पर सच्चाई और बुद्धि री गल्ल करूँआ। 26 राजा बी जेस सामणे आऊँ निडर ऊई की बोलणे लगी रा, इना गल्ला खे जाणोआ और माखे विश्वास ए कि इना गल्ला बीचा ते कोई एसते छीपी दी निए, कऊँकि ये घटणा कोई कूणे रे नि ऊई री। 27 ओ अग्रिप्पा राजा! क्या तूँ भविष्यबक्तेया पाँदे विश्वास करेया? आ, आऊँ जाणूंआ कि तूँ विश्वास करेया।” 28 तेबे अग्रिप्पे पौलुसो खे बोलेया, “तूँ थोड़ा जा ई समजयाणे ते माखे मसीह बनाणा चाएया?” 29 पौलुसे बोलेया, “मेरी परमेशरो ते ये प्रार्थना ए कि क्या थोड़े जे, क्या बऊत जे, बस तूँई नि, पर जितणे लोक आज मेरी सुणने लगी रे, इना बन्दना खे छाडी की सेयो मां जेड़े मसीह बणी जाओ।” 30 तेबे राजा, हाकिम और बिरनिके और तिना साथे बैठणे वाल़े खड़े ऊईगे 31 और लग जे जाई की आपू बीचे बोलणे लगे, “ये मांणू एड़ा कुछ तो नि करदा, जो मौत या फसणे जोगा ओ।” 32 अग्रिप्पे फेस्तुसो खे बोलेया, “जे ये मांणू कैसरो री दुहाई नि देंदा, तो छूटी सको था।”
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